भारत निकला गाँव से

भारत निकला गाँव से

राकेश कुशवाहा

मानवता मानव खो दे
मानवता मानव खो दे, तब ही इतिहास बदलता है,
ईशु पैगम्बर महावीर, या कोई बुद्ध जन्मता है ।
बढ़ें गुलामी की जंजीरें, मानव हद से बढ़ता है,
लूथर लेनिन मार्क्स मंडेला, या गाँधी भीम निकलता है ।

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