विमल चन्द्राकर की कविताएं समग्र रूप से दरअसल एक प्रेमिल मन का आख्यान कही जा सकती हैं।
इनमें प्रत्येक कोण से एक प्रेमी अपनी भावनाओं को शब्दों में ढाल रहा है।
पुलकित, उल्लसित, द्रवित और आह्लादित कवि हृदय जब कुछ भी अनकहा नहीं छोड़ता तब उसे ऐसी ही विशिष्ट कविताएं कहकर अपनी हिस्से का कहन पूरा करना होता है, जिसे पढ़कर ऐसे ही प्रेम भरे हृदय जरूर यह पाएंगे कि विमल चन्द्राकर ने उनके हिस्से का भी कदाचित सब कुछ इन कविताओं में कह दिया है, और वह भी अर्थपूर्ण और भावपूर्ण ढंग से।
सरल, सहज और संप्रेषित होने वाली भाषा में बुनी गई यह कविताएं पाठकों को जरूर पसन्द आएंगीं।