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"प्रेमांजली" महज एक कविता संग्रह नही बल्कि प्रेमपुष्प से सजी खुशबू बिखरेती बगिया है। जहां प्रेम का हर रूप है, मिलन की खुशी है तो विरह का गम भी है। खुशी के आंसू है तो दर्द से आंखे नम है। प्रकृति का सौंदर्य है तो मौसम का हर रंग है। खुशी दर्द आँसू है इश्क़ प्यार और मोहब्बत है। कविता है, गज़ल है, उल्फ़त की राह में हंसी बिखेरता कमल है। प्रेयसी का प्रेम है तो मां का वात्सल्य है।प्रेम के हर रूप हर रंग का दर्शन कराती प्रेमांजली आपको जरूर पसंद आएगी। आपका प्यार हमारे लिए अनमोल है आपके प्रेम और बहुमूल्य सुझावों के इंतजार में.....
आपका
पंकज भूषण पाठक "प्रियम"