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akele prem ki koshish

अकेले प्रेम की कोशिश

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा

जीवन की तन्हा लम्हों मे आप कविता ‘‘जीवन कलश‘‘ पर आमंत्रित हैं कुछ लम्हे मेरी कलम की बूंदों के साथ। कभी तन्हाई में कुछ लम्हे एहसास के सुकून से बिताने को मन करता है, तब बस एक साथी है जो तन्हा लम्हों में रंग भरने का काम करता है, वो है मेरी कविता ‘‘जीवन कलश‘‘ और मैं, उस का प्रेमी। ये भर देते हैं विविध रंगों से जीवन की तन्हाई और खालीपन को, लगता है जैसे सब कुछ मिल चुका है मुझे .....।

  • In LanguageHindi
  • GenrePoems
  • Date Published 08th July 2018
  • Buy Now Paperback
  • ISBN978-93-86895-44-8
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