Chat with Us Chat with us

अमरेश गौतम 'अयुज'

अमरेश गौतम 'अयुज' Amresh Gautam 'Ayuj'

अमरेश गौतम 'अयुज'

Amresh Gautam 'Ayuj'

अमरेश गौतम (अमिय प्रकाश गौतम) का जन्म मध्यप्रदेश के रीवा जिले के रायपुर गौतमान नामक गाँव में 4 दिसम्बर 1981 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। विद्यालयीन शिक्षा इन्होंने यहीं गाँव में पूरी की और उच्च शिक्षा के लिए अपने पिता श्री कन्हैयालाल गौतम जी के पास (बैतूल) गये।
सन् 1999 में विद्यालयीन शिक्षा समाप्त कर आप पात्रोपाधि की पढ़ाई के लिए भोपाल गये और वहाँ से सन् 2003 में इन्जीनियरिन्ग डिप्लोमा प्राप्त की।
हिन्दी साहित्य में इन्हें बचपन से ही रुचि थी,यही नहीं इन्होंने पहली कविता सन् 1997 में लिखी जब दसवीं में थे।कवि सम्मेलनों में कविता पाठ सुनने के लिए दूर-दूर जाया करते और पूरा कवि सम्मेलन सुनते । शुरुआत में रातभर घर से बाहर रहने की वजह से पिता जी के गुस्से का कोपभाजन भी बनना पड़ा किन्तु इनकी कविता के प्रति लगन देख घर से इजाजत मिलने लगी। आस-पास के कवि सम्मेलनों में छात्र जीवन में कविता पाठ भी किया करते और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में संचालन भी। विद्यार्थी जीवन में वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेने में आगे रहते। पारिवारिक स्थिति ठीक न होने की वजह आगे की पढ़ाई रोककर नौकरी करने लगे किन्तु साहित्य साधना जारी है।स्वयं अपने लिये इन्होंने लिखा है -
पुरानी चीजों का इतिहास,बस अवशेष पर है,
हर उपचार का आधार,बस कलेश पर है।
हिन्दी माता ने बनाया है,जिम्मेदार मुझको,
अब सारा दारोमदार, इस अमरेश पर है।


फिलहाल आप गुजरात के जिला कच्छ में जिन्दल स्टील में कार्यरत हैं।

प्रकाशित पुस्तक:- अनकहे पहलू