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बड़े काम की छोटी बातें (भाग 2)

बड़े काम की छोटी बातें (भाग 2)

4M – Mini Matters Matter More (Part 2) (का हिंदी संस्करण)

माड़भूषि रंगराज अयंगर

मेरी लेखन का मूल, अपनी जानकारी और अनुभवों को आम जनता में उनके उपयोग के लिए बाँटना है। यह अच्छी बात हुई कि हिंदी भाषा पर लिखी पुस्तकें शिक्षकों व छात्रों के बीच बहुत प्रशंसित हुई। पहली पुस्तक दशा और दिशा ही प्रकाशक की ऑलटाइम बेस्ट सेलर बनी जिसने मेरा बहुत उत्साह बढ़ाया। साहित्य प्रेमियों ने कविता की पुस्तक मन दर्पणओस की बूँदें को काफी सराहा, वैसे ही कहानी की पुस्तक अंतस के मोती ने भी आदर का स्थान पाया। हिंदी पर पुस्तक हिंदी भाषा - सुझाव और विमर्श को संस्थानों ने अपने कर्मचारियों और स्कूली छात्रों में बाँटा भी।

मेरी रचनाएँ सामान्यतः सरल हिंदी भाषा में ही होती हैं। इसलिए गूढ़ साहित्यिक न होने पर भी पाठक इनको पढ़कर आनंदित होते हैं। मेरी अंग्रेजी की दोनों पुस्तकें भी एक पहल मात्र थीं। मेरी पुस्तकें कभी किसी विद्यालय या महाविद्यालय के लिए नहीं लिखी गईं। शिक्षक वर्ग को वे पसंद आईं और उन्होंने अपना लिया।

मेरी दोनों अंग्रेज़ी पुस्तकों 4M - Mini Matters Matter More (Part 1 & 2) को पाठकों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली। मेरे व परिचितों के जीवन के अनुभवों के आधार पर ये दोनों पुस्तकें लिखी गई हैं। एक ख़ास उपलब्धि यह रही कि यह दोनों पुस्तकें FLAME University, Pune द्वारा MBA (HR) Final Year (अंतिम वर्ष) के छात्रों के लिए Compensation Management & Performance Management विषयों में चयनित की गईं। मेरी पुस्तकें किसी पाठ्यपुस्तक के रूप में लिखी नहीं गई थी, लेकिन जैसा कि कहा जाता है, मेरे मन कुछ और है, विधिना के कुछ और - मनुष्य एक प्रस्ताव करता है, और ईश्वर उसे अलग तरह से क्रियान्वित करता है — यहाँ ईश्वर की कृपा मेरे पक्ष में रही।

इस अनुभव ने मुझे इस दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी, और उसका ही परिणाम है यहहिंदी प्रकाशन। आशा करता हूँ कि पाठकों को यह पुस्तक भी पसंद आएगी और वे अपना आशीर्वाद देंगे।

यह पुस्तक मेरी पंद्रहवीं प्रकाशित पुस्तक है। अब तक पाठकों और प्रकाशकों का बहुत साथ और सहारा मिला है। आगे भी इसी तरह की उम्मीद करता हूँ।