सुकून की तलाश by शैलेश 'इनायत' ISBN

सुकून की तलाश

शैलेश 'इनायत'

चमन से प्यार कर

पत्थर से दोस्ती ना कर, अमन से प्यार कर
मोहब्बत तो इबादत है, नमन से प्यार कर
ये मज़हब के ठेकेदार, सुन ले जरा अब
वोट का गणित छोड़, वतन से प्यार कर
इतिहास बना मत इसे, इतिहास को पढ़
अहिंसा के पुजारी जैसे, रत्न से प्यार कर
नफरत की दीवार तोड़, सुन ले इनायत तू
बन के बहार अब जरा, चमन से प्यार कर