ab na rukungi

अति सूधो सनेह को मारग है

डॉ रंजना जायसवाल

संकरी जगह पर कोई बड़ी चीज तिरछी होकर फंस जाए तो वह वहाँ से नहीं निकल सकती। निकालने से या तो वह चीज टूटेगी या फिर जगह। नए के आने की तो कोई गुंजाइश ही नहीं। त्रिभंगी कृष्ण भी गोपी के हृदय में तिरिछे होकर फंस गए हैं और जीते-जी निकाले नहीं जा सकते।

  • In LanguageHindi
  • GenreStories
  • Date Published 10th July 2018
  • Buy Now Paperback
  • ISBN978-93-86895-49-3
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