सात मुखी रूद्राक्ष की जानकारी

  • होम
  • लेख
  • सात मुखी रूद्राक्ष की जानकारी
सात मुखी रूद्राक्ष की जानकारी

सात मुखी रूद्राक्ष की जानकारी

सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक को अस्टमहालक्ष्मी का आशीर्वाद तो प्राप्त होता ही है। साथ में जीवन का सभी सुख और वैभव प्राप्त होता है। पद्म-पुराण में वर्णित कथा के अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष के सातों मुखों में सात नाग देवता का निवास है। उन सात नाग देवताओं के नाम इस प्रकार है। अनंत, कर्कट, पुण्डरीक, तक्षक, विषोल्बण, कारोष, और शंखचूड़। सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बाद जातक को नागदेव का आशीर्वाद तो प्राप्त होता ही है साथ में नागदेव के आराध्य देव भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। और उस जातक पर महादेव सदा प्रसन्न रहते है।
पहचान
सात मुखी रुद्राक्ष की मुख्य पहचान यह है की इस रुद्राक्ष में सात धारियाँ होती है।

    सात मुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है ?
  1. जिस जातक का जन्म लग्न या जन्म राशि मकर व कुम्भ हो वे लोग सात मुखी रुद्राक्ष बेहिचक धारण कर सकते है। जिस जातक का जन्म नक्षत्र पुष्य, अनुराधा या उत्तराभाद्रपद में हो वह लोग बिना किसी परामर्श के सात मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
  2. माँस मदिरा का सेवन करने वाले और नशीली वस्तुओं का सेवन करने वाले व्यक्तियो को सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना तथा स्पर्श करना सदा वर्जित है। शास्त्रों में कहा गया है की ऐसा व्यक्ति यदि सात मुखी रुद्राक्ष धारण करता है या स्पर्श करता है तो उसे इस रुद्राक्ष के नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। एवं वह व्यक्ति पाप का भागी बनता है। अतः इससे बेहतर यह है की ऐसा व्यक्ति रुद्राक्ष को स्पर्श करने से बचे।
मंत्र और सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
किसी भी मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी से पूर्णिमा तक तीनों दिन गंगाजल में केसर दूध मिलाकर निम्न मन्त्र से- 'ऊँ ऐं हीं श्री क्लीं हूं सौः जगत्प्रसूतये नमः'' से सातमुखी रुद्राक्ष पर जल छिड़के। इसके बाद गंध अक्षत, दूर्वा, पुष्प, बेल-पत्र, धतूरा चढ़ाकर विधिवत् पूजन करें। तत्पश्चात् निम्न मन्त्र से ''ऊँ ऐं हीं श्रीं क्लीं हूं सौः जगत्प्रसूयते'' से 108 बार हवन करना चाहिए। और 7 बार हवन-अग्नि की परिक्रमा करके सातमुखी रुद्राक्ष को गले या भुजा में धारण करें।
    सात मुखी रुद्राक्ष के लाभ
  1. सात मुखी रुद्राक्ष पहनने से प्रत्येक क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है तथा यश व कीर्ति में वृद्धि होती है।
  2. सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से आर्थिक स्थिति में मजबूती आती है, एवं मन शान्त रहता है।
  3. व्यवसायी वर्ग के लिए सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करना अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है।
  4. सात मुखी रुद्राक्ष पहनने से गणेश व लक्ष्मी जी की विशेष कृपा बनी रहती है, जिसके कारण घर व परिवार में सुख व समृद्धि बनी रहती है।
  5. नौकरी वाले जातक यदि सातमुखी रुद्राक्ष धारण करते है, तो उनके कैरियर में प्रगति होती है तथा उनका बॉस काफी प्रभावित रहता है।
  6. स्नायु तन्त्र से सम्बन्धित रोगों में सातमुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ मिलता है।
  7. सातमुखी रुद्राक्ष को पहनने से शनि ग्रह से सम्बन्धित दोषों जैसे साढ़ेसाती, ढैय्या आदि का शमन होता है।
अतः विष्णुप्रिया, महालक्ष्मीजी का स्वरुप है सात मुखी रुद्राक्ष। सप्तसागर, सप्तऋषियों, सूर्य की सात रश्मियां एवं सप्ततलों की सभी शक्तिया सात मुखी रुद्राक्ष में समाहित होती है।

दिनाँक : 12th January 2023
Monika Gupta

मोनिका जी द्वारा सभी लेख पढ़ने के लिए यहाँ पर क्लिक करें। मोनिका जी द्वारा लिखित नियमित रूप से विश्वगुरु समाचार पत्र (नॉएडा से प्रकाशित) में प्रकाशित होती रहती है।

मोनिका जी की अब तक की प्रकाशित पुस्तकें

मोनिका जी की सभी पुस्तकें Google Play, Google Books तथा Amazon Kindle पर ebook में उपलब्ध है, पेपरबैक में पुस्तकें प्राप्त करने के लिए कृपया सम्पर्क करें।
  1. Kalaa Sagar Kids Beginner Guide-1
  2. Kalaa Sagar Kids Landscape Beginner Guide (Oil Pastel)
  3. Kalaa Sagar Kids Painting Guide Part 1
  4. Kalaa Sagar Oil Pastel Guide
  5. Kalaa Sagar Cartoon Guide (For Young Kids)
  6. Kalaa Sagar Painting Guide
  7. Kalaa Sagar Kids Colouring Book Part-1 Learn How to Draw Step by Step
  8. Kalaa Sagar Kids Colouring Book Part-2 Learn How to Draw Step by Step